Friday 22 August 2014

उनको इन्साँ मत समझ, हो सरकशी जिनमें 'जफर'
खाकसारी के लिये है खाक से इन्साँ बना।
-बहादुर शाह 'जफर'

1.सरकशी - (i) उद्दंडता, उज्जड़पन, अशिष्टता (ii) अवज्ञा, हुक्मउदूली (iii) विद्रोह, बगावत 2. खाकसारी - विनम्रता 3. खाक - (i) धूल, रज, गुबार, गर्द (ii)मिट्टी (iii) भूमि, जमीन



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